नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स)- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई का सर्वे को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सर्वे को हरी झंडी दे दी है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद शुक्रवार से ज्ञानवापी का सर्वे फिर से शुरू होगा।
फैसले के बाद पुलिस ने ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा बढ़ाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत दिए जाने के फैसले के बाद पुलिस ने विवादित परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अफसर सतर्क हैं कि क्षेत्र में किसी प्रकार तनाव ना बढ़े और किसी प्रकार का माहौल खराब ना हो।
सर्वेक्षण में ज्ञानवापी की मूल संरचना को खरोंच तक नहीं आयेगी
कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि इस तरह की व्यवस्था की जाए जिसने ज्ञानवापी में एएसआई सर्वेक्षण का काम प्रभावित न हो। एएसआई ने मुस्लिम पक्ष की दलील को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि सर्वेक्षण के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक से ज्ञानवापी की मूल संरचना को खरोंच तक नहीं आयेगी। जबकि, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सौरभ तिवारी का कहना था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण के जरिए वो ज्ञानवापी की सच्चाई सामने लाना चाहते है।
सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा मुस्लिम पक्ष
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण करने की अनुमति दी है। इसपर AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद करीब 600 साल पुरानी है और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं। हम भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो। मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा।