महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी-एससीपी नेता अनिल देशमुख ने सोमवार को एक बड़ा दावा किया कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता उनकी पार्टी से संपर्क में हैं और सरकार के मुद्दों को निपटाने के तरीके से असंतुष्ट होकर उनके पक्ष में शामिल होना चाहते हैं। देशमुख ने कहा कि महायुति गठबंधन उतना मजबूत नहीं है जितना होना चाहिए, और भाजपा के वरिष्ठ नेता महाराष्ट्र में बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और किसानों के संकट जैसे मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके से नाराज हैं।
अनिल देशमुख ने यह भी कहा कि अजित पवार, एकनाथ शिंदे और भाजपा के बीच गठबंधन की मजबूती पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी कि अगर स्थिति ऐसी ही रही, तो भाजपा को एनसीपी और शिवसेना से अलग चुनाव लड़ना पड़ सकता है। उन्होंने कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि फड़नवीस विपक्षी दलों को तोड़ने में व्यस्त हैं, जबकि उन्हें कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
देशमुख ने बदलापुर जैसी घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द सजा देने के लिए उन्होंने जब गृह मंत्री थे, तब ‘शक्ति कानून’ बनाया था। इस कानून के तहत ऐसी घटनाओं पर 24 घंटे के भीतर सजा का प्रावधान था। हालांकि, यह कानून तीन साल से केंद्र सरकार के पास ही पड़ा हुआ है और इसका कोई अमल नहीं हुआ है।