यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र नवीन के पिता ने पूछे सरकार से तीखे सवाल, शव को भारत लाने की तैयारी
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भारतीय छात्र नवीन के शव को वापिस लाने में जुटी सरकार
न्यूज डेस्क ( नेशनल थॉट्स ) : रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मारे जाने की खबर सामने आई है | जिसके बाद नवीन का शव वापिस लाए जाने की कोशिशें जा रही है | उनके पिता ने भारत सरकार से मदद करने की अपील की है | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि नवीन के दोस्तों ने उनके शव की तस्वीर भेजी है|
खाना लेने बाहर गया था नवीन, भारतीय दूतावास से मदद के लिए लगाई गुहार
दरअसल, नवीन के साथ के एक छात्र ने बताया कि नवीन खाना लाने के लिए बाहर गए थे जिसके बाद उनसे संपर्क टूट गया | नवीन की मौत की पुष्टि होने के बाद उनके पिता शेखरप्पा ने बीते दिन पत्रकारों के जरिये कहा था कि ‘मैं दूतावास के शीर्ष अधिकारियों और भारत के प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वो मेरे बेटे के शव को भारत लाने में मेरी मदद करें’ |
सरकार से नवीन के पिता के सवाल……..
97 प्रतिशत अंक हासिल करने के बाद भी नहीं मिली सीट
नवीन के पिता ने अपने बेटे की मौत के बाद मीडिया से बात करते हुए भारत की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं | शेखरप्पा ने कहा, “मेरे बेटे ने 97 प्रतिशत अंक हासिल किए थे लेकिन वो राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका और हमें मजबूरी में उसे पढ़ने के लिए यूक्रेन भेजना पड़ा | लेकिन अब हमने उसे गंवा दिया है.”
एक-एक सीट के लिए करोड़ों मांगे जाते है
MBBS के चौथे वर्ष के छात्र नवीन कर्नाटक के हावेरी जिले के चलागेरी गांव के रहने वाले थे | उनके पिता ने मीडिया से कहा, “मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करता हूं कि वो इस मामले को देखें | एडमिशन के लिए डोनेशन बहुत बुरी बात है | भारत के बुद्धिमान छात्रों को पढ़ने के लिए विदेश जाना पड़ रहा है | उन्होंने कहा, “ये बच्चे जब भारत में पढ़ना चाहते हैं तो उनसे मेडिकल सीट के लिए करोड़ों रुपए की डोनेशन मांगी जाती है | इससे अच्छी शिक्षा वो बाहर जाकर कम पैसों में हासिल कर लेते हैं |
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर है नवीन के पिता
शेखरप्पा पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और रिटायरमेंट के बाद गांव में खेती कर रहे हैं | उन्होंने अधिकतर समय हावेरी के बाहर बिताया है