नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स)- दिल्ली की जनता महंगाई से पहले ही त्रस्त थी और इसी बीच दिल्ली सरकार ने बिजली के दामों में 10 प्रतिशत की वृद्धि करके आग में घी डालने का काम कर दिया है। बिजली के दामों में बढ़ोतरी की चर्चा आम होते ही दिल्ली की जनता में चिंता बढ़ी वहीं राजनीतिक पार्टियों को अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल गया। इस मामले पर दिल्ली की उर्जा मंत्री आतिशी ने सफाई देते हुए कहा है कि यह केंद्र सरकार की मिसमैनेजमेंट का नतीजा है। जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी हो रही है। देश में कोयला की कमी है जो हमें कोयला बाहर से इंपोर्ट करना पड़ रहा है।
राजनीतिक पार्टियां बिजली के दामों में हुई बढ़ोतरी को मुद्दा बनाकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी और बिजली के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग करने लगी। इसी बीच जनता में भी गुस्सा देखने को मिल रहा है।
दिल्ली में बिजली के बढ़ते दामों पर हमारे संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बात की आइए जानते हैं क्या कुछ कहा आम जनता ने —
गुड्डू गौतम का कहना है कि बिजली कंपनियों ने पहले क्या कम लूट मचा रखी थी , जो अब सरकार ने बिजली के दामों में एक दम से 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी। बिजली-पानी फ्री का नारे देने वाली सरकार ने बिजली के रेट बढ़ा कर आम आदमी को और संकट में डाल दिया है। गुड्डू गौतम ने बताया कि बिजली कंपनियां वर्षों तक मीटर का किराया लेती है, वो खुद 25 साल से मीटर का किराया दे रहे हैं, जो कि मीटर के दाम से शायद कई गुना दे चुके होंगे। मीटर किराए पर सरकार चुप रहती है, इसके बारे में कोई जागरूकता क्यों नहीं की जाती।
कांग्रेसी के सिपाही सुभाष भारद्वाज (कर्मपुरा) का कहना है कि पहले तो केजरीवाल ने फ्री के नाम पर दिल्ली की जनता को ठगा और बिजली के दामों में बढ़ोतरी करके और परेशान कर रहे हैं। बिजली में हो रही कटौती पर ध्यान नहीं होता। दिल्ली की जनता आज हर स्तर पर महंगाई की मार झेल रही है। सरकार को चाहिए कि वो इन बढ़े हुए दामों को वापिस ले।
पवन पंडित का कहना है कि दिल्ली में बिजली के दामों में हुई बढ़ोतरी आज एक गंभीर समस्या बनी है,बिजली के दाम बढ़ने से सामान और महंगा हो जाेएगा। इससे पहले गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए, पेट्रोल के दाम आज तक शिखर पर है इसके बारे में आज कोई चर्चा नहीं हो रही है। सरकार जब किसी चीज के दाम बढ़ाती है तो जनता से राय क्यों नहीं लेती, कि किस चीज के दाम बढ़ा सकते हैं, किस के कम करने की जरूरत है। जनता किस प्रकार से त्रस्त है सरकार यह नहीं जानना चाहती, जनता को को तो समाचार पत्रों के माध्यम से पता चलता है कि आज सरकार ने फलां चीज के दाम बढ़ा दिए हैं।
पीतमपुरा निवासी हरविंद्र सिह का कहना है कि सरकार द्वारा हाल ही में बिजली के दामों में जो वृद्धि की गई है वो एक दम गलत है। सरकार केवल वोट बैंक के चक्कर में टैक्स देने वालों को निचोड़ने में लगी है। बिजली के रेट बढ़ने से न केवल बिल बढ़कर आएगा बल्कि इसके साथ लोगों को अन्य वस्तुएं भी महंगी खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। सरकार केवल अपने खजाने को भरने की सोचती है, सरकार को खजाना ही भरना है तो फ्री बिजली देना बंद करे, जनता को बेहतर सहूलियत दे।