पिछले कुछ सालों में भारतीय रेल से जुड़े कई बड़े हादसे सामने आए हैं, जिनमें आतंकी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हाल ही में कानपुर में एक ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश के तहत पटरी पर एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थ मिले थे। जांच में यह मामला सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करता है।
अब ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ, जहां राजस्थान के सूरतगढ़ पावर प्लांट के लिए कोयला ले जा रही एक मालगाड़ी के 26 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में भी साजिश की आशंका जताई जा रही है, जिससे रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।
मथुरा के वृंदावन के पास एक मालगाड़ी के 26 डिब्बों के पटरी से उतरने की घटना के पीछे आतंकी साजिश की जांच की जा रही है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में जानबूझकर की गई साजिश के संकेत मिले हैं। इसके बाद आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने घटना स्थल का दौरा किया और साक्ष्य जुटाए। रेलवे विभाग ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि इस घटना की जांच हर कोण से की जाए।
मथुरा में हुए इस हादसे के चलते दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर करीब 30 ट्रेनें प्रभावित हुईं। मालगाड़ी के पटरी से उतरने से तीन मुख्य लाइनों पर रेल यातायात ठप हो गया था। हालांकि, अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी कि दिल्ली और मथुरा के बीच एक रेलवे लाइन को बहाल कर दिया गया है। इसके साथ ही, तीसरी लाइन पर रेल यातायात सुचारू रूप से शुरू हो गया है।
रेल हादसे के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पटरी से उतरने की घटना के पीछे आतंकी कनेक्शन की जांच की जा रही है। वहीं, पहली और दूसरी लाइनों को बहाल करने का काम अभी जारी है। इस बीच, रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द करने या उनके मार्ग में बदलाव करने का फैसला लिया है।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने इस सवाल को जन्म दिया है कि क्या भारतीय रेल आतंकवादियों के निशाने पर है। जांच के नतीजे ही यह तय करेंगे कि इन दुर्घटनाओं के पीछे साजिश है या नहीं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने हर संभावित कोण से जांच शुरू कर दी है।