जैसे कि सुथार हों, सुनार हों, राजमिस्त्री हों, कपड़े धोने वाले काम करने वाले लोग हों, बाल काटने वाले भाई-बहन परिवार, ऐसे लोगों को एक नई ताकत देने का काम करेगी। इस योजना का आरंभ लगभग 13-15 हजार करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा।
लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम दिव्यांगजनों के लिए एक सुगम भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पैरालंपिक में भी हिन्दुस्तान का तिरंगा झंडा फहराने के लिए दिव्यांगजनों को सामर्थ्यवान बना रहे हैं। जिसके लिए खिलाड़ियों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही हैं।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत के पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, और डाइवर्सिटी है। उन्होंने कहा कि डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की ये त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्य रखती है।