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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी दुनिया ने किया योग, भारत ने विश्व को एक सूत्र में बांधा

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पूरी दुनिया में आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। दुनिया के छोटे-बड़े देशों के शहरों, गांवों और कस्बों से लेकर पहाड़ी इलाकों और समुद्र में तैरते जहाजों से योग करते लोगों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे दर्शाती हैं कि भारत की योग विद्या की पूरी दुनिया कायल है और हर कोई इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर अपना जीवन स्वस्थ बना रहा है। जो लोग योग को एक खास धर्म से जोड़कर देखते हैं या उसे एक देश की सीमा में बांधकर देखते हैं, वे यदि आज की तस्वीरों को देखेंगे तो पाएंगे कि भारत की प्राचीन योग पद्धति को अपने जीवन का महत्वपूर्ण अंग बनाने की होड़ में धर्म, जाति, सीमा और स्त्री-पुरुष का भेद मिट चुका है। योग का अर्थ है जोड़ना और जिस तरह योग ने समूची दुनिया को जोड़कर रख दिया है, उससे यह भी साबित होता है कि भारत में ही पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांधने की शक्ति है।

वैसे तो योग दिवस पर आज दुनियाभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, परन्तु मुख्य कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित किया गया। इसको संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया आज योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देखती है क्योंकि यह लोगों को अतीत का बोझ उठाए बिना वर्तमान में जीने में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि योग ने लोगों को यह महसूस करने में मदद की है कि उनका कल्याण उनके आसपास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “दुनिया योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देख रही है। योग हमें अतीत के बोझ के बिना वर्तमान क्षण में जीने में मदद करता है। जब हमारा चित्त शांत रहता है, तब हम दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए तरीके बना रहा है।”

हम आपको बता दें कि यह कार्यक्रम डल झील के किनारे एसकेआईसीसी के खुले मैदान में होना था, लेकिन लगातार बारिश के कारण इसे बड़े हॉल में आयोजित किया गया। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने सामूहिक योगाभ्यास में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और योग के प्रति लोगों का आकर्षण भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “मैं जहां भी जाता हूं, शायद ही कोई (अंतर्राष्ट्रीय) नेता होता है जो योग के फायदों के बारे में मुझसे बात नहीं करता है।” उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और साधना की भूमि कश्मीर में आने का सौभाग्य मिला है। योग से हमें जो शक्ति मिलती है, श्रीनगर में हम उसे महसूस कर रहे हैं। मैं देश के सभी लोगों को और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को कश्मीर की धरती से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं।”

मोदी ने तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब, मंगोलिया और जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि योग की प्राचीन विधियां वहां तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में फ्रांस की 101 वर्षीय महिला शारलोट चोपन का भी जिक्र किया, जिन्हें उनके देश में योग को लोकप्रिय बनाने में उनकी सेवाओं के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मोदी ने कहा कि योग के वैश्विक स्तर पर प्रसार से इसके बारे में धारणा में बदलाव आया है क्योंकि इसके बारे में प्रमाणिक जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लोग भारत की यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम अब उत्तराखंड और केरल जैसे राज्यों में योग पर्यटन देख रहे हैं। लोग भारत आ रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रामाणिक योग देखने को मिलता है।”

उन्होंने कहा, “लोग अब फिटनेस के लिए निजी तौर पर योग प्रशिक्षक रख रहे हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए योग के कार्यक्रम भी आयोजित कर रही हैं। इसने आजीविका के नए रास्ते खोले हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि योग आज लोगों के सामने आने वाली कई समस्याओं का समाधान भी करता है। उन्होंने कहा, “योग केवल ज्ञान नहीं है, बल्कि विज्ञान भी है। सूचना क्रांति के इस युग में, सूचना स्रोतों की बाढ़ आ गई है और लोगों के लिए एक विषय पर ध्यान केंद्रित करना भी चुनौती बन गया है। इसका भी समाधान योग में है क्योंकि यह ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इसलिए सेना से लेकर खेलों तक, योग लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष परियोजनाओं पर काम करने वाले लोगों को भी योग का प्रशिक्षण दिया जाता है क्योंकि यह काम करने की क्षमता के साथ-साथ सहिष्णुता भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा, “कई जेलों में तो कैदियों को भी योग सिखाया जाता है ताकि उनकी सोच सकारात्मक हो।” मोदी ने संतोष जताया कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग भी योग को अपना रहे हैं जिससे केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “पूरे जम्मू एवं कश्मीर में योग के प्रति जो आकर्षण बना है, जिस उमंग और उत्साह के साथ लोग योग के साथ जुड़ने के लिए आतुर हैं, वह जम्मू कश्मीर के पर्यटन को भी एक नई ताकत देने का अवसर बन गया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था और भारत के इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड था। उन्होंने कहा, “तब से योग दिवस लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 10 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर चुका है। आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और योग के प्रति लोगों का आकर्षण भी लगातार बढ़ रहा है।”

हम आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर बनाए जाने की घोषणा दिसंबर 2014 में की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस का प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर आया था और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था। प्रधानमंत्री साल 2015 से हर साल योग दिवस पर आयोजित समारोहों का नेतृत्व करते रहे हैं। उन्होंने दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यहां तक कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर योग दिवस समारोहों का नेतृत्व किया है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य विषय ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ है।

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