**बिजली की मांग में वृद्धि: 68 प्रतिशत कोयले का भंडार**
नई दिल्ली: भारत में पारा चढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी वृद्धि देखने को मिल रही है। इस संदर्भ में, 184 तापीय बिजली संयंत्रों में मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार बना हुआ है। ये संयंत्र 211 मेगावाट की कुल उत्पादन क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की तीन मई की रिपोर्ट के अनुसार, इन 184 संयंत्रों में 4.77 करोड़ टन कोयले का भंडार है, जबकि मानक स्तर 7.05 करोड़ टन है। यह स्थिति बिजली मंत्रालय के अनुमान के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कि गर्मियों में अधिकतम मांग 260 मेगावाट तक पहुंच सकती है।
सितंबर 2023 में, बिजली की मांग ने सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहकर 243 मेगावाट को पार किया था। मई 2024 में, एक दिन में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति 223.84 मेगावाट तक पहुंच चुकी है, जो मई 2023 की रिकॉर्ड 221.42 मेगावाट से अधिक है।
इस मांग के अनुमान के साथ-साथ, विद्युत मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। इसमें देश में आयातित कोयले आधारित संयंत्रों को अनिवार्य रूप से चलाना भी शामिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बिजली की मांग अप्रैल में भी अधिक हो सकती है, लेकिन बेमौसम बारिश ने इसे कम कर दिया है। माना जा रहा है कि जून में बिजली की मांग अधिक हो सकती है।
विद्युत मंत्रालय ने घरेलू कोयले आधारित संयंत्रों के लिए भी आयातित कोयले मिलाने का दिशा-निर्देश दिया है। इससे स्थानीय उत्पादन के संयंत्रों को बढ़ावा मिलेगा और बिजली की मांग को संतुलित रखने में मदद मिलेगी।