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ये मौसम का जादू है…कहीं गर्मी से हाल बेहाल, कहीं बाढ़ से लोगों का बुरा हाल

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देश के कई राज्यों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है जिससे लोगों का हाल बेहाल है, वहीं कुछ राज्यों में भारी बारिश ने लोगों की हालत खराब कर रखी है। पिछले 45 दिनों में 40 डिग्री से ऊपर तापमान के चलते गर्मी के सारे पिछले रिकॉर्ड टूट चुके हैं।

मौसम के ताजा हालात की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से छह डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग ने आसमान सामान्यत: साफ रहने और लू के साथ भीषण गर्मी पड़ने तथा तेज हवा चलने का अनुमान जताया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।

लद्दाख से लेकर झारखंड तक और उत्तर-पश्चिम भारत का एक बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार में अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर (5.1 डिग्री सेल्सियस या अधिक) रहा। उत्तराखंड के देहरादून में अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य से 9.5 डिग्री अधिक है, जबकि हिमाचल प्रदेश के ऊना में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 6.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

जम्मू-कश्मीर के कटरा में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि जम्मू में पारा 44.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। झारखंड के डाल्टनगंज में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 9.1 डिग्री अधिक था। पंजाब और हरियाणा में पिछले कई दिनों से जारी गर्मी में कोई कमी नहीं आई है और बठिंडा में तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजस्थान में लू की स्थिति और प्रबल हो गई है, कई स्थानों पर अधिकतम तापमान पिछले दिन की तुलना में एक से छह डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। इस बार गर्मी इतनी पड़ रही है कि पहाड़ों की ठंड भी गायब हो गई है। जो लोग गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों पर जा रहे हैं, वे भी वहां गर्मी देखकर हैरान हो रहे हैं।

दूसरी ओर, असम में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति सोमवार को और भी बिगड़ गई और राज्य के आठ जिलों में 1.05 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार बक्सा, बारपेटा, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, करीमगंज, नागांव और निवाड़ी जिलों में बाढ़ के कारण 1,05,700 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीमगंज सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां 95,300 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसके बाद नागांव में लगभग 5,000 लोग प्रभावित हुए हैं और धेमाजी में 3,600 से अधिक लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। एसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 309 गांव पानी में डूबे हुए हैं और राज्य भर में 1,005.7 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षतिग्रस्त हो गया है।

चेन्नई और उसके आस-पास के इलाकों में रात भर हुई तेज बारिश के कारण मंगलवार को उड़ानें प्रभावित हुईं और जगह-जगह पर पेड़ उखड़ गए। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों की आवाजाही में विलंब हो गया है। दुबई, दिल्ली और पुणे से आने-जाने वाली उड़ानें भी विलंब से आ-जा रही हैं। शहर में कोडंबक्कम समेत कुछ इलाकों में पेड़ उखड़ गए और नगर निगम के कर्मचारी उन्हें हटाने में जुटे हैं। हालांकि, बारिश के कारण लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है।

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