50% LikesVS
50% Dislikes
नई दिल्ली,दिल्ली न्यूज़ डेस्क (नेशनल थॉटस): अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए। हर साल पूरे देश में 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इस दिन को भारत में शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने विश्व की शांति, अहिंसा व सद्भाव का मार्ग दिखाया। गांधी जी ने अपना जीवन सत्य की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया।
महात्मा गांधी भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ‘सत्य और अहिंसा’ का परिचय दिया :
मोहनदास करमचंद गांधी, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्हें प्यार से बापू के नाम से भी जाना जाता है। आज पूरे देशभर में उनकी 75वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर गांधी की हत्या कर दी थी। हर साल उनकी पुण्यतिथि को देशभर में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी ने इंग्लैंड में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। हालांकि, देश में हो रहे अत्याचारों को देख वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ‘सत्य और अहिंसा’ का परिचय दिया। आज भी दुनियाभर में उनके आदर्शों का पालन किया जाता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में –
- हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा।
- जिस दिन से एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चलने लगेगी, उस दिन से हम कह सकते हैं कि भारत ने स्वतंत्रता हासिल कर ली है।
- कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है।
- विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है।
- अपनी गलती को स्वीकार करना झाड़ू लगाने के सामान है, जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है।
- आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
- जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
- अहिंसा के बिना सत्य का अनुभव नहीं हो सकता, अहिंसा का पहला सिद्धांत हर अमानवीय चीज के प्रति असहयोग करना है।
- धरती पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन हमारी जरूरत पूरी करने के लिए हैं, लालच की पूर्ति के लिए नहीं।
- किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं।