गोपाल कृष्ण गोखले के बचपन के एक घटना के बारे में सुनाऊंगी। यह घटना उन दिनों की है जब गोपाल विद्यालय जाते थे। उनके आचार्य ने उन्हें गृह कार्य के रूप में गणित का सिलसिला दिया। छोटे गोपाल ने एक-दो सवालों को छोड़कर सभी सवालों का सही उत्तर दे दिया।
अब, बच्चों, जब आपको कोई सवाल समझ नहीं आता, तो आप क्या करते हैं? आप अपने दोस्तों से पूछते हैं, ना? वैसे ही, गोपाल ने भी किया। उन्होंने अपने दोस्तों से मदद मांगी, और साथ में वे सभी सवालों का समाधान कर लिया।
अगले दिन, जब विद्यालय में शिक्षक ने देखा कि सभी उत्तर सही हैं, तो उन्होंने गोपाल की बड़ी सराहना की। लेकिन जब गोपाल को इस पर रोते हुए देखा और पूछा गया, तो वह सच्चाई में बता दिया कि उन्होंने अपने दोस्तों की मदद से ही सवालों का समाधान किया था।
इस पर उनके शिक्षक ने उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की और छात्र को सराहा। यही वही गोपाल कृष्ण गोखले थे, जो एक महान देशभक्त और महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरू बने।