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आज की कहानी : बंदर और खरगोश

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एक बड़ेसे जंगल में एक बंदर और एक खरगोश बड़े प्यार से रहते थे। दोनों में इतनी अच्छी दोस्ती थी कि हमेशा एक साथ खेलते और अपना सुखदुख बांटते थे।

एक दिन खेलतेखेलते बंदर ने कहा, “मित्र खरगोश, आज कोई नया खेल खेलते हैं।खरगोश ने पूछा, “बताओ कौनसा खेल खेलने का मन है तुम्हारा?”

बंदर बोला, “आज हम दोनों को आँखमिचोली खेलनी चाहिए।खरगोश हंसते हुए कहने लगा, “ठीक है, खेल लेते है। बड़ा मज़ा आएगा।दोनों यह खेल शुरू करने ही वाले थे कि तभी उन्होंने देखा कि जंगल के सारे पशुपक्षी इधरउधर भाग रहे हैं।

बंंदर ने फ़ुर्ती दिखाते हुए पास से भाग रही लोमड़ी से पूछा, “अरे, ऐसा क्या हो गया है? क्यों सब भाग रहे हैं?” लोमड़ी ने जवाब दिया, “एक शिकारी जंगल में आया है, इसलिए हम सब अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं। तुम भी जल्दी भागो वरना वह तुम्हें पकड़ लेगा।इतना बोलकर लोमड़ी तेज़ी से वहाँ से भाग गई।

शिकारी की बात सुनते ही बंदर और खरगोश भी डर कर भागने लगे। भागतेभागते दोनों उस जंगल से काफ़ी दूर निकल आए। तभी बंदर ने कहा, “मित्र खरगोश, सुबह से हम भाग रहे हैं। अब शाम हो चुकी है। चलो, थोड़ा आराम कर लेते हैं। मैं थक गया हूँ।

खरगोश बोला, “हाँ, थकान ही नहीं, प्यास भी बहुत लगी है। थोड़ा पानी पी लेते हैं। फिर आराम करेंगे।

अब खरगोश कहने लगा, तुम पानी पी लो। मुझे ज़्यादा प्यास नहीं लगी है। तुमने उछलकूद बहुत की है, इसलिए तुम्हें ज़्यादा प्यास लगी होगी।

फिर बंदर बोला, “मित्र, मुझे प्यास नहीं लगी है। तुम पानी पी लो। मुझे पता है, तुमको बहुत प्यास लगी है।

दोनों इसी तरह बारबार एक दूसरे को पानी पीने के लिए कह रहे थे। पास से ही गुज़र रहा हाथी थोड़ी देर के लिए रुका और उनकी बातें सुनने लगा।

कुछ देर बाद हंसते हुए हाथी ने पूछा, “तुम दोनों पानी क्यों नहीं पी रहे हो?”

खरगोश ने कहा, “देखो न हाथी भाई, मेरे दोस्त को प्यास लगी है, लेकिन वो पानी नहीं पी रहा है।

बंदर बोला, “नहींनहीं भाई, खरगोश झूठ बोल रहा है। मुझे प्यास नहीं लगी है। इसको प्यास लगी है, लेकिन यह मुझे पानी पिलाने की ज़िद कर रहा है।

हाथी यह दृश्य देखकर बोलने लगा, “तुम दोनों की दोस्ती बहुत गहरी है। हर किसी के लिए यह एक मिसाल है। तुम दोनों ही इस पानी को क्यों नहीं पी लेते हो। इस पानी को आधाआधा करके तुम दोनों पी सकते हो।

खरगोश और बंदर दोनों को हाथी का सुझाव अच्छा लगा। उन्होंने आधाआधा करके पानी पी लिया और फिर थकान मिटाने के लिए आराम करने लगे।

कहानी से सीख

सच्चे दोस्त हमेशा एकदूसरे का ख्याल रखते हैं। सच्ची दोस्ती में स्वार्थ की कोई जगह नहीं होती।

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