एक घने जंगल में एक इच्छापूर्ति वृक्ष था, उसके नीचे बैठ कर कोई भी इच्छा करने से वह तुरंत पूरी हो जाती थी।
यह बात बहुत कम लोग जानते थे..क्योंकि उस घने जंगल में जाने की कोई हिम्मत ही नहीं करता था।
एक बार संयोग से एक थका हुआ व्यापारी उस वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गई।
यह बात बहुत कम लोग जानते थे..क्योंकि उस घने जंगल में जाने की कोई हिम्मत ही नहीं करता था।
एक बार संयोग से एक थका हुआ व्यापारी उस वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गई।
जागते ही उसे बहुत भूख लगी ,उसने आस पास देखकर सोचा- ‘ काश कुछ खाने को मिल जाए !’ तत्काल स्वादिष्ट पकवानों से भरी थाली हवा में तैरती हुई उसके सामने आ गई।
व्यापारी ने भरपेट खाना खाया और भूख शांत होने के बाद सोचने लगा..
व्यापारी ने भरपेट खाना खाया और भूख शांत होने के बाद सोचने लगा..
काश कुछ पीने को मिल जाए..’ तत्काल उसके सामने हवा में तैरते हुए अनेक शरबत आ गए।
शरबत पीने के बाद वह आराम से बैठ कर सोचने लगा- ‘ कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूँ।
हवा में से खाना पानी प्रकट होते पहले कभी नहीं देखा न ही सुना..जरूर इस पेड़ पर कोई भूत रहता है जो मुझे खिला पिला कर बाद में मुझे खा लेगा ऐसा सोचते ही तत्काल उसके सामने एक भूत आया और उसे खा गया।
इस प्रसंग से आप यह सीख सकते है कि हमारा मस्तिष्क ही इच्छापूर्ति वृक्ष है आप जिस चीज की प्रबल कामना करेंगे वह आपको अवश्य मिलेगी।
अधिकांश लोगों को जीवन में बुरी चीजें इसलिए मिलतीहैं…..
क्योंकि वे बुरी चीजों की ही कामना करते हैं।
इंसान ज्यादातर समय सोचता है-कहीं बारिश में भीगने से मै बीमार न हों जाऊँ ..और वह बीमार हो जाता हैं..!
इंसान सोचता है – कहीं मुझे व्यापार में घाटा न हो जाए..और घाटा हो जाता है..!
इंसान सोचता है – मेरी किस्मत ही खराब है .. और उसकी किस्मत सचमुच खराब हो जाती हैं ..!
इंसान सोचता है – कहीं मेरा बॉस मुझे नौकरी से न निकाल दे..और बॉस उसे नौकरी से निकाल देता है..!
इस तरह आप देखेंगे कि आपका अवचेतन मन इच्छापूर्ति वृक्ष की तरह आपकी इच्छाओं को ईमानदारी से पूर्ण करता है..!
इसलिए आपको अपने मस्तिष्क में विचारों को सावधानी से प्रवेश करने की *अनुमति दे।
इस प्रसंग से आप यह सीख सकते है कि हमारा मस्तिष्क ही इच्छापूर्ति वृक्ष है आप जिस चीज की प्रबल कामना करेंगे वह आपको अवश्य मिलेगी।
अधिकांश लोगों को जीवन में बुरी चीजें इसलिए मिलतीहैं…..
क्योंकि वे बुरी चीजों की ही कामना करते हैं।
इंसान ज्यादातर समय सोचता है-कहीं बारिश में भीगने से मै बीमार न हों जाऊँ ..और वह बीमार हो जाता हैं..!
इंसान सोचता है – कहीं मुझे व्यापार में घाटा न हो जाए..और घाटा हो जाता है..!
इंसान सोचता है – मेरी किस्मत ही खराब है .. और उसकी किस्मत सचमुच खराब हो जाती हैं ..!
इंसान सोचता है – कहीं मेरा बॉस मुझे नौकरी से न निकाल दे..और बॉस उसे नौकरी से निकाल देता है..!
इस तरह आप देखेंगे कि आपका अवचेतन मन इच्छापूर्ति वृक्ष की तरह आपकी इच्छाओं को ईमानदारी से पूर्ण करता है..!
इसलिए आपको अपने मस्तिष्क में विचारों को सावधानी से प्रवेश करने की *अनुमति दे।