( नेशनल थोट्स ) एक बार एक कौआ एक स्वादिष्ट मांस का टुकड़ा लेकर पेड़ पर बैठा था। तभी, एक चालाक लोमड़ी ने उसे देखा। लोमड़ी को मांस का टुकड़ा बहुत भाया। उसने कौए को धोखा देने की योजना बनाई।
लोमड़ी ने कौए के पास जाकर मधुर आवाज में कहा, “कौआ भाई, तुम कितने सुंदर हो! तुम्हारा रंग भी कितना काला और चमकीला है। तुम्हारी आवाज भी कितनी मधुर होगी!”
कौआ लोमड़ी की चापलूसी सुनकर खुश हो गया। उसने सोचा कि लोमड़ी उसकी सचमुच प्रशंसा कर रही है। वह अपनी आवाज दिखाने के लिए ज़ोर से काँव-काँव करने लगा। जैसे ही उसने अपना मुँह खोला, मांस का टुकड़ा उसके मुँह से गिर गया और लोमड़ी उसे उठाकर भाग गई।
सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी किसी की चापलूसी में नहीं आना चाहिए। दिखावा हमेशा नहीं रहता। हमें अपनी समझदारी से काम लेना चाहिए।