पिछली बार की तरह ही निशा ने नई साड़ी खरीदी, चूड़ियां, बिंदी और मेहंदी भी। पिछले वर्ष ही उसकी शादी हुई थी।
शादी के दो महीने बाद ही उसे सरकारी नौकरी मिल गई थी। ससुर का अपना व्यवसाय था और पति उनके साथ ही काम करते थे। ससुराल वाले नहीं चाहते थे कि निशा नौकरी करे।
लेकिन निशा ने दूसरे शहर जाकर नौकरी स्वीकार कर ली थी। इस बात से उन लोगों का स्वाभिमान आहत हुआ। उन्होंने तलाक का नोटिस निशा के पास भेज दिया।
निशा न नौकरी छोड़ना चाहती थी न पति को।
सहेली रोमा ने निशा से पूछा, ‘निशा, क्या तुम इस बार चौथ का व्रत कर रही हो?’ निशा ने उत्तर दिया, ‘सुमित अब भी मेरे पति है और उनकी लंबी उम्र तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए मैं अवश्य ही व्रत करूंगी।’
एक दो दिन बाद सुमित का फोन आया, ‘निशा तुमसे बात करना चाहता हूं।’ निशा ने खुश होकर जवाब दिया, ‘करवा चौथ वाले दिन मेरे हॉस्टल में आ जाओ।’
सुमित करवा चौथ से एक दिन पहले ही निशा के हॉस्टल पहुंच गया। सुमित ने बताया कि उसने इसी शहर की एक कंपनी में नौकरी के लिए बात कर ली है। अगले दिन करवा चौथ पर निशा ने व्रत रखा। रात में चांद निकला तो सुमित ने निशा को अपने हाथ से पानी पिलाया। निशा बहुत खुश थी। निशा ने कहा, ‘सुमित मैं तुम्हें करवा चौथ का उपहार देना चाहती हूं।
मैंने स्थानांतरण के लिए आवेदन कर दिया। जल्दी मुझे उसी शहर में स्थानांतरण मिल जाएगा। तुम मम्मी-पापा को मेरी नौकरी के लिए मना लेना।
मैं तुम्हें उनसे अलग नहीं करना चाहती।’ सुमित की आँखें चमक उठीं। निशा तो आसमान में निकले चांद को निहार रही थी। आज का चांद उसके आंचल में नजर आ गया था।
करवा चौथ की पावन सनातन परंपरा में विश्वास रखकर व्रत धारण करने वाली समस्त सुहागन माता बहनों को करवा चौथ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
ईश्वर आपके सुहाग को दीर्घायु प्रदान करे यही कामना करता हु