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आज की कहानी :ईश्वर से क्या मांगे ?

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ईश्वर महान है…. अमूल्य शरीर दिया है

हे प्रभु, हमने कोई भी आवेदन नहीं किया था, किसी की भी सिफारिश नहीं थी, ऐसा कोई मेरी उपलब्धि भी नहीं है,
फिर भी
सिर के बालों से लेकर पैर के अंगूठे तक 24 घंटे भगवान, तू रक्त प्रवाहित करता है…
जीभ पर नियमित लार से अभिषेक कर रहा है…
निरंतर तू मेरा ये हृदय चलाता है…

चलने वाला कौन सा यंत्र तू फिट कर दिया है हे भगवान…
पैर के नाखून से लेकर सिर के बालों तक बिना रुकावट संदेशवाहन करने वाली प्रणाली…
किस अदृश्य शक्ति से चल रही है
कुछ समझ नहीं आता।

हड्डियों और मांस में बनने वाला रक्त कौन सा अद्वितीय आर्किटेक्चर है…
इसका योगेश को कोई अंदाजा नहीं है।

आंखे….. हजार-हजार मेगापिक्सल वाले दो-दो कैमरे दिन-रात सारी दृश्य कैद कर रहे हैं।

दस-दस हजार टेस्ट करने वाली और तुरंत रिजल्ट देने वाली जीभ नाम की टेस्टर,

अनगिनत संवेदनाओं का अनुभव कराने वाली त्वचा नाम की सेंसर प्रणाली… सीए योगेश बिड़ला
और…
अलग-अलग फ्रीक्वेंसी की आवाज पैदा करने वाली स्तर प्रणाली
और
उन फ्रीक्वेंसी का कोडिंग-डिकोडिंग करने वाले का नाम का यंत्र…

पचहत्तर प्रतिशत पानी से भरा शरीर रूपी टैंकर हजारों छेद होने के बावजूद कहीं से भी लीक नहीं होता…

स्टैंड के बिना मैं खड़ा रह सकता हूँ…गाड़ी के टायर घिसते हैं, पर पैर के तलवे कभी नहीं घिसते।
अद्भुत आपकी ऐसी रचना है।

देखभाल, स्मृति, शक्ति, शांति ये सब भगवान तू देता है। तू ही अंदर बैठ कर शरीर चला रहा है।
अद्भुत है यह सब, अविश्वसनीय,
असमझनीय।

ऐसे शरीर रूपी मशीन में हमेशा तुम आत्मा के रूप में अंदर हो,
कि और क्या मांगू तुझसे???

तेरे इस जीवा-शिवा के खेल का निश्छल, निस्वार्थ आनंद का हिस्सा रहूँ!…
ऐसी सद्बुद्धि मुझे दे प्रभु !!

तू ही यह सब संभालता है इसका अनुभव मुझे हमेशा रहे!!!
रोज पल-पल कृतज्ञता से तेरा ऋणी होने का स्मरण, चिंतन हो,
यही परमेश्वर के चरणों में प्रार्थना है !!

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