नई दिल्ली (नेशनल थोट्स )लक्षद्वीप द्वीप समूह के विकास के लिए एक समग्र कार्यनीति है, जो सतत विकास को प्राप्त करने, अनूठी सांस्कृतिक और पर्यावरण संबंधित विशेषताओं को संरक्षित करने और द्वीप समूह के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने पर आधारित है। इसका उद्देश्य लक्षद्वीप को पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक प्रगति के संतुलन में जिम्मेदार और समावेशी विकास का एक मॉडल बनाना है।
इस कार्यनीति में, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य का लाभ उठाया जाएगा, एक मजबूत और लचीली अर्थव्यवस्था बनाई जाएगी, और स्थानीय समुदायों के बीच गर्व और कल्याण की भावना को बढ़ाया जाएगा।
कार्यनीतिक योजना और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से समग्र विकास को संभव बनाने का एक दृष्टिकोण है, जिसमें लक्षद्वीप द्वीप समूह प्रकृति और टिकाऊ आर्थिक प्रथाओं के साथ सामंजस्य बिठाता है। लक्षद्वीप द्वीप समूह के विकास की परियोजनाओं को पर्यावरण, वन और सीआरजेड मंजूरी आदि सहित विभिन्न लागू कानूनों के तहत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय ने एक गंतव्य और पर्यटन-केंद्रित दृष्टिकोण का पालन करते हुए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से, स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया गया है, और एसडी 2.0 के तहत विकास के लिए लक्षद्वीप सहित देश में 57 गंतव्यों को अधिसूचित किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा सतत पर्यटन के लिए तैयार की गई राष्ट्रीय कार्यनीति के अनुरूप, पर्यटन संसाधनों के उपभोग में पर्यटकों और पर्यटन व्यवसायों के प्रति सचेत और विचारशील कार्यों के माध्यम से देश में टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘ट्रैवल फॉर लाइफ’ पहल शुरू की गई है।