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Traders of Chandni Chowk were forced to come on the streets, arbitrarily charged conversion charges, but why is the government determined

चांदनी चौक के व्यापारी सड़कों पर आने को मजबूर , मनमाने ढंग से कन्वर्जन चार्ज वसूल ने पर क्यों आमादा सरकार

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नई दिल्ली (नेशनल थॉटस्)- चांदनी चौक मुगल काल से ही एक प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र रहा हैवर्तमान में भी चांदनी चौक मुगलकालीन विरासत को संजाये हैआज भी एक व्यापारिक केन्द्र के रूप में देश-विदेश में प्रसिद्ध हैयही कारण है कि हजारों की संख्या में व्यापारी-ग्राहक खरीदारी करने यहां खिंचा चला आता है।

इस क्षेत्र की ए ऐतिहासिकता और विशेषता के आधिकार पर हैप्रथम ‘मास्टर प्लान’ के अंतर्गत चांदनी चौक काे सन् 1962 से पूर्व व्यापारिक क्षेत्र होने के कारण स्पेशल जॉन क्षेत्र में रखा गया था।

व्यापारियों का स्पष्ट मत है किचांदनी चौक  बाजार स्पेशल जॉन क्षेत्र  होने के कारण यहां कन्वर्जन चार्ज लागू नहीं होता हैपरन्तु न जाने किन कारणों से सरकारप्रशासन चांदनी चौक के व्यापारियों को ‘कन्वर्जन चार्ज’ के नाम पर तंग करके उनसे कन्वर्जन चार्ज वसूलने पर आमादा है,

हाल ही में दिल्ली नगर निगम द्वारा व्यापारियों को कन्वर्जन चार्ज जमा कराने हेतु नोटिस जारी किये जा रहे हैसाथ ही समय पर जमा न किए जाने पर भारी जुर्माना एवं ब्याज का प्रावधान बता कर भी व्यापारियों में भय का वातावरण बनाया जा रहा है।

कन्वर्जन चार्ज का भुगतान न किये जाने पर व्यापारियों की दुकान/संस्थान हो सकते हैं सील – व्यापारी नाराज

इस संबंध में निगम द्वारा चांदनी चौक बाजार में कन्वर्जन चार्ज जमा किये जाने की सार्वजनिक सूचनार्थ जगह-जगह बैनर एवं नोटिस चिपकाये गये हैं। जिनमें बताया गया है कि कन्वर्जन चार्ज का भुगतान न किये जाने पर व्यापारियों की दुकान/संस्थान सील किए जा सकते हैं। इस प्रकार के बैनर एवं नोटिस चिपका जाने का यहां के व्यापारियों ने कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि यह किसी भी रूप में व्यावहारिक एवं न्यायसंगत नहीं है।

व्यापारी सदैव से ही सरकार का पक्षधर रहा हैसरकार से कदम से कदम मिलाकर कार्य करता आया हैसाथ ही कर के रूप में भुगतान कर सरकार को राजस्व प्रदान करता हैफिर न जाने किन कारणों से व्यापार-व्यापारी के लिए बनाये जाने वाले नियम एवं नीति निर्धारण हेतु व्यापारियों का र्का इ सुझाव अथवा पक्ष नहीं लिया जाता।

दिल्ली नगर निगम व्यापारियों को दिखाए 1962 से पहले का रिकॉर्ड 

हमारी प्रार्थना है किसरकार-प्रशासन जारी नोटिससूचना के तुरंत प्रभाव से वापिस लेकरव्यापारियों को राहत  प्राप्त करेंएवं व्यापारिक संगठनों के समक्ष बैठक आयोजित कर ‘कन्वर्जन चार्ज’ के विषय पर पूर्ण विस्तार से चर्चा कर व्यापारियों का  वस्तु स्थिति से स्पष्ट करें साथ ही वर्ष 1962 से पहले के वो रिकॉर्ड भी दिखाए जाएं जो दिल्ली नगर निगम के पास है उन्हें सार्वजनिक करें जिससे व्यापारी को यह स्पष्ट हो सके किकौन सी दुकान/संस्थान अथवा मार्केट पर ‘कन्वर्जन चार्ज’ लागू होता है और किस पर नहीं।

व्यापारियों द्वारा कन्वर्जन चार्ज के विषय में नगर निगम के कार्यालय के अनेक चक्कर लगाने के बाद भी विभाग से 1962 का कोई रिकॉर्ड  प्राप्त नहीं होता है,

आधारहीन और गोल-गोल बातें कर केवल कन्वर्जन चार्जि जमा कराने के लिए प्रताड़ित किया जाता है और काेई सकारात्मक जवाब प्राप्त नहीं होता।

थोक कपड़ा व्यापार के उत्थानसुरक्षासंरक्षण के लिए  130 वर्षों से कार्य कर रही है एसोसिएशन

दिल्ली हिन्दुस्तानी मर्कन्टाइल एसोसिएशन’ थोक कपड़ा व्यापार के उत्थानसुरक्षासंरक्षण के लिए विगत 130 वर्षों से निर्वाध रूप से कार्य करती आ रही हैऐसा रिएक्शन लगभग 27000 कपड़ा व्यापारियों का प्रत्यक्ष व अ-प्रत्यक्ष रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं। कन्वर्जन चार्ज के विषय में यहां के व्यापारी कई बार निगम अधिकारियों से मुलाकात कर व्यापारियों का पक्ष रखती आ रही हैसभी से सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन ही प्राप्त हुआ।

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