प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुष प्रजनन तंत्र का एक हिस्सा है जो मूत्राशय के नीचे स्थित होता है। बढ़ती उम्र के साथ, प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ सकती है, जिसे बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि (BPH) कहा जाता है। BPH पेशाब करने में कठिनाई, बार-बार पेशाब आना, और रात में पेशाब आना जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
प्रोस्टेट की समस्याओं के लिए योग एक सहायक उपचार हो सकता है। योग पेशाब करने में आसानी पैदा करने, दर्द कम करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
यहां कुछ योगासन दिए गए हैं जो प्रोस्टेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं:
1. भुजंगासन (कोबरा पोज़)
- यह आसन पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो पेशाब करने में आसानी पैदा करने में मदद कर सकता है।
- भुजंगासन करने के लिए, पेट के बल लेट जाएं और अपने माथे, हथेलियों और पैर की उंगलियों पर शरीर को ऊपर उठाएं।
- कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रुकें और फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।
2. बालासन (चाइल्ड पोज़)
- यह आसन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जो प्रोस्टेट** की समस्याओं** को बदतर बना सकता है।
- बालासन करने के लिए, घुटनों पर बैठ जाएं और फिर आगे की ओर झुकें, माथे को फर्श पर रखें।
- बाहों को अपने शरीर के किनारों पर रखें और कुछ मिनट के लिए इस स्थिति में आराम करें।
3. पश्चिमोत्तानासन (सीटेड फॉरवर्ड बेंड)
- यह आसन प्रोस्टेट ग्रंथि** और आसपास की मांसपेशियों** को खींचता है, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
- पश्चिमोत्तानासन करने के लिए, सीधे बैठ जाएं और पैरों को सामने फैलाएं।
- श्वास छोड़ते हुए, धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और अपने हाथों को पैर की उंगलियों तक पहुंचने का प्रयास करें।
- कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रुकें और फिर धीरे-धीरे ऊपर आ जाएं।
4. सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड)
- यह आसन रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि** को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
- सर्वांगासन करने के लिए, पीठ के बल लेट जाएं और फिर धीरे-धीरे अपने पैरों और कूल्हों को ऊपर उठाएं, ताकि आपका शरीर एक उल्टे V के आकार में हो।
- कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रुकें और फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।
5. विपरीता करणी (लेग्स-अप-द-वॉल पोज़)
- यह आसन पैरों और टखनों में सूजन को कम करने में मदद करता है, जो प्रोस्टेट** की समस्याओं** से जुड़ा हो सकता है।
- विपरीता करणी करने के लिए, दीवार के सामने लेट जाएं और पैरों को दीवार पर चढ़ाएं।