मंगलवार व्रत: सुख, दोष निवारण और संतान प्राप्ति का अद्भुत उपाय
मंगलवार व्रत हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह व्रत न केवल मनुष्य के समस्त दोषों को नष्ट करता है, बल्कि सुख, रक्त विकार, राज्य सम्मान और संतान प्राप्ति में भी सहायक होता है।
व्रत की विधि
भोजन का नियम: मंगलवार व्रत में केवल गेहूं और गुड़ का भोजन करना चाहिए। दिन या रात में केवल एक बार भोजन ग्रहण करें।
व्रत की अवधि: यह व्रत लगातार 21 सप्ताह तक करना उत्तम माना गया है।
पूजन सामग्री: व्रत के पूजन में लाल पुष्प चढ़ाएं और लाल वस्त्र धारण करें।
हनुमान जी की पूजा: व्रत के अंत में हनुमान जी की पूजा करें और मंगलवार व्रत कथा सुनें।
मंगलवार व्रत कथा
एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण वे अत्यंत दुखी थे। ब्राह्मण हनुमान जी की पूजा करने के लिए वन में चला गया। उधर उसकी पत्नी मंगलवार व्रत रखकर पुत्र प्राप्ति की प्रार्थना करती थी।
एक दिन ब्राह्मणी ने व्रत रखा लेकिन भोजन नहीं बना पाई, इसलिए हनुमान जी का भोग भी नहीं लगा। उसने प्रण लिया कि अगले मंगलवार को ही भोग लगाकर भोजन करेगी। वह छह दिन भूखी-प्यासी पड़ी रही। मंगलवार को मूर्छित अवस्था में पहुंचने पर हनुमान जी उसकी निष्ठा से प्रसन्न हुए। उन्होंने दर्शन देकर उसे एक सुंदर बालक प्रदान किया, जिसका नाम “मंगल” रखा गया।
कथा का चमत्कार
कुछ समय बाद ब्राह्मण घर लौटा और बालक को देखकर पत्नी से उसके बारे में पूछा। पत्नी ने पूरी सच्चाई बताई, लेकिन ब्राह्मण को विश्वास नहीं हुआ। उसने बालक को कुएं में डाल दिया, लेकिन मंगल सुरक्षित घर लौट आया। उसी रात हनुमान जी ने ब्राह्मण को स्वप्न में बताया कि यह बालक उनकी कृपा से मिला है। तब ब्राह्मण को अपनी गलती का एहसास हुआ।
मंगलवार व्रत का महत्व
जो व्यक्ति मंगलवार व्रत रखता है और कथा सुनता है, उसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। उनके जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और वे सुख, समृद्धि और संतोष से भरपूर जीवन व्यतीत करते हैं।