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Tulsi Pujan Diwas 2023: कब है तुलसी पूजन दिवस? जानें पूजा का धार्मिक महत्व और नियम

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नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : सनातन धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसे पूजने का विशेष महत्व है। तुलसी पूजा का दिन, जो कि इस साल 25 दिसंबर को है, विशेषता से मनाया जाता है।

इस दिन कई लोग अपने दिन की शुरुआत तुलसी के पौधे की पूजा से करते हैं। वे उसे जल चढ़ाकर और प्रार्थना करके भगवान की आराधना करते हैं। तुलसी पूजा का महत्व है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है। उसकी पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यदि आप सुख-शांति की कामना करते हैं, तो इस विशेष दिन मां तुलसी का पूजन अवश्य करें ।

 

Tulsi Pujan नामाष्टक

  • वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
  • एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।


Tulsi Pujan  नियम

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • तुलसी को जल चढ़ाएं।
  • सिन्दूर और रोली का टीका लगाएं।
  • मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  • फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • तुलसी स्तोत्र का पाठ करें।
  • अंत में आरती से पूजा का समापन करें।
  • आशीर्वाद के रूप में तुलसी के बीजों की माला धारण करें।

Tulsi Pujan  का महत्व
तुलसी पूजन दिवस का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह देवी तुलसा की पूजा करने का एक पवित्र दिन है। इस दिन, कुछ लोग पूजा करने से पहले नए तुलसी के पौधे लगाते हैं, जबकि कुछ लोग अपने घरों में पहले से लगे पौधों की पूजा करते हैं। तुलसी अपने अचूक औषधीय गुणों के लिए पहचानी जाती हैं।

उनकी पूजा से परिवार में धन, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। मां तुलसी को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और उन्हें हरि प्रिया भी कहा जाता है। ऐसे में तुलसी पूजन बेहद महत्वपूर्ण है।

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