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तुर्की का ड्रोन साम्राज्य! Military Drone निर्माण में बना विश्व नेता, चीन-अमेरिका चिंतित

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तुर्की अब विश्व के अग्रणी सशस्त्र ड्रोन निर्यातकों में से एक बन गया है। तेजी से बढ़ते इस उद्योग में तुर्की की उपस्थिति कैसे मजबूत हुई? इसके पीछे एक बड़ा कारण है उसकी रक्षा तकनीक में उन्नति और औद्योगिक आधार। तुर्की की ड्रोन निर्माण परियोजनाएं, जैसे बायरकटर टीबी-2 (जिसे “फ्लाइंग कलाश्निकोव” कहा जाता है), इस बदलाव का बड़ा हिस्सा हैं।

तुर्की का ड्रोन कार्यक्रम कई उच्च-स्तरीय परियोजनाओं के साथ अपनी पहचान बना रहा है। बायकर का मानव रहित लड़ाकू विमान किज़िलेल्मा और अंका-3 जैसे उन्नत ड्रोन वैश्विक बाजार में महत्त्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहे हैं। ये ड्रोन छठी पीढ़ी के विमान मानकों के साथ डिज़ाइन किए गए हैं, जो तुर्की की रक्षा योजना में क्रांति ला रहे हैं।

रॉयटर्स के अनुसार, तुर्की ड्रोन निर्माता बायकर उद्योग $300 मिलियन का निवेश कर रहा है ताकि आपूर्ति श्रृंखला के कई घटकों का निर्माण देश में ही किया जा सके। यूक्रेन, अजरबैजान, और उत्तरी अफ्रीका में तुर्की निर्मित ड्रोन की सफलता ने इसे एक वैश्विक मान्यता दिलाई है। बायकर की सीईओ हालुक बायरकटर ने SAHA रक्षा प्रदर्शनी में बताया कि इंजन की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने इन-हाउस उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है।

तुर्की की ड्रोन तकनीक ने पश्चिमी देशों को भी प्रभावित किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय हथियार बाज़ार में रूस और चीन के प्रभाव का संतुलन बनाने में मदद कर सकती है। विशेषकर, चीन ने मध्य-पूर्व में अपनी ड्रोन आपूर्ति बढ़ाई है, लेकिन तुर्की का यह क्षेत्र में प्रवेश चीन की बढ़त को चुनौती दे रहा है।

तुर्की के ड्रोन की डिमांड दुनियाभर में बढ़ रही है। इन ड्रोन का उपयोग यूक्रेन, लीबिया, इराक, सीरिया और अजरबैजान जैसे देशों में हो रहा है। खासतौर पर तुर्की का बायरकटर टीबी-2 ड्रोन, जो अपनी कम लागत और तेजी से डिलीवरी के लिए जाना जाता है, कई देशों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

तुर्की की रक्षा क्षमता लगातार बढ़ रही है, जिसमें उसका पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर KAAN भी शामिल है। तुर्की ने बायरकटर टीबी-2, किज़िलेल्मा, और अंका-3 जैसे कई उन्नत ड्रोन विकसित किए हैं, जो नाटो-स्तरीय सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं। इसके अलावा, सिपर एसएएम जैसे सिस्टम ने तुर्की की मिसाइल तकनीक को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।

तुर्की का लक्ष्य है कि वह केवल हथियारों का निर्यातक न बनकर अपने रक्षा उद्योग को वैश्विक साझेदारों के साथ जोड़े। ड्रोन तकनीक के साथ तुर्की वैश्विक रक्षा परिदृश्य में अपनी बढ़ती पकड़ बना रहा है।

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