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महाराष्ट्र चुनाव के बाद MVA से अलग हो सकते हैं उद्धव ठाकरे, अकेले लड़ेंगे स्थानीय चुनाव

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महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद उद्धव ठाकरे पर एमवीए छोड़ने का दबाव, शिवसेना (यूबीटी) अकेले लड़ सकती है स्थानीय चुनाव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में घमासान शुरू हो गया है। उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना पर अब अपने नेताओं की ओर से गठबंधन छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। जानकारी के अनुसार, सोमवार को ठाकरे द्वारा आयोजित बैठक में शिवसेना (यूबीटी) के अधिकांश विधायकों ने यह मांग की कि पार्टी को एमवीए से अलग हो जाना चाहिए।

शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन पर सवाल
सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे की 57 सीटों वाली सेना की जीत के बाद, शिवसेना (यूबीटी) का जमीनी कैडर एमवीए की “प्रभावशीलता” पर सवाल उठा रहा है। चुनावी परिणामों के बाद, कई शिवसेना (यूबीटी) विधायक अब मानते हैं कि पार्टी को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का समय आ गया है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मुकाबले हुई हार से शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता अब गठबंधन की सफलता पर संदेह जता रहे हैं।

एमवीए से अलग होने पर विचार
उद्धव ठाकरे पर महा विकास अघाड़ी से अलग होने का दबाव बढ़ रहा है। ठाकरे गुट के एक नेता ने बताया कि उद्धव ठाकरे आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव को स्वतंत्र रूप से लड़ने पर विचार कर रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं का मानना है कि स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने से पार्टी को अपनी नींव को फिर से मजबूत करने का मौका मिलेगा।

नगर निगम चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी
शिवसेना (यूबीटी) आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी में है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उद्धव ठाकरे से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को छोड़ने का आग्रह किया है, हालांकि ठाकरे ने अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। शिवसेना के नेताओं का मानना है कि अकेले लड़ने से पार्टी को अपने आधार से फिर से जुड़ने और शिंदे सेना की ओर से संभावित हस्तक्षेप से बचने में मदद मिलेगी।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम 2024
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 23 नवंबर को भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने बहुमत हासिल किया। भाजपा ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं। कांग्रेस नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी ने मात्र 46 सीटें ही जीतीं। चुनाव परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा और शिंदे गुट की बढ़त राज्य में मजबूत है, जबकि एमवीए का सपना टूट गया है।

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