महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के ठीक पहले दोनों गठबंधन—महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) खेमे में सरकार बनाने को लेकर जबरदस्त तैयारी चल रही है। काउंटिंग के दौरान दोनों ही पक्ष अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं, लेकिन विधायकों को सुरक्षित रखने और टूट-फूट से बचाने की रणनीतियां जोरों पर हैं।
विधायकों को टूटने से बचाने की तैयारी
दोनों ही गठबंधन को डर है कि नतीजों के बाद विधायकों में तोड़-फोड़ हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए नवनिर्वाचित विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए होटल, हेलीकॉप्टर, और रिजॉर्ट की व्यवस्था की जा रही है।
एमवीए की योजना:
महा विकास आघाड़ी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई में एक साथ रखने का फैसला किया है। इससे खरीद-फरोख्त की किसी भी संभावना को नाकाम किया जा सकेगा।
शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने विधायकों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
विधायकों को काउंटिंग सेंटर पर नज़र रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने के लिए कहा गया है।
बीजेपी का बयान:
बीजेपी नेता राहुल नार्वेकर ने महा विकास आघाड़ी की तैयारियों पर तंज कसते हुए कहा कि, “उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है, इसलिए वे इस तरह के कदम उठा रहे हैं।”
डीके शिवकुमार निभा रहे अहम भूमिका
एमवीए गठबंधन ने विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को सौंपी है।
सूत्रों के मुताबिक, जीतने वाले विधायकों को बेंगलुरु या मुंबई के किसी सुरक्षित होटल में ठहराया जा सकता है।
शिवकुमार पहले भी इस तरह की राजनीतिक संकट स्थितियों में कांग्रेस के विधायकों को संभालने के लिए अपनी रणनीति साबित कर चुके हैं।
बहुमत का आंकड़ा और गठबंधन की रणनीति
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का बहुमत जरूरी है।
एमवीए की रणनीति: नतीजों के बाद विधायकों को एक साथ रखने और तुरंत फैसले लेने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
बीजेपी की तैयारी: पार्टी ने अपने विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं और वे भी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
नतीजों के साथ बदलेंगे समीकरण
जैसे-जैसे काउंटिंग पूरी होगी और नतीजे सामने आएंगे, यह तय होगा कि गठबंधन के विधायक होटल में रहेंगे या तुरंत किसी अन्य रणनीति पर काम करेंगे।
महाराष्ट्र का राजनीतिक माहौल इस समय बेहद गर्म है, और चुनावी नतीजों के बाद स्थिति और दिलचस्प होने की संभावना है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों के साथ ही सत्ता की दौड़ तेज हो जाएगी। दोनों गठबंधन अपनी-अपनी रणनीतियों में जुटे हैं। अब यह देखना होगा कि किसकी रणनीति सफल होती है और महाराष्ट्र की नई सरकार कौन बनाता है।