केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यूजीसी नेट परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया। परीक्षा के आयोजित होने के एक दिन बाद ही इसे रद्द कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इस फैसले के पीछे कारण बताया कि परीक्षा के आयोजन में लापरवाही बरती गई है, जिस कारण यह कदम उठाया गया है। गृह मंत्रालय के इस फैसले के कारण 900,000 छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है।
मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। यही कारण है कि इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई है। बता दें कि हाल ही में एनटीए ने कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रारूप से हटकर एक ही दिन में एग्जाम कराने का फैसला किया था। गौरतलब है कि पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन फिजिकली हो रहा है।
यूजीसी नेट परीक्षा के रद्द होने के बाद पीएचडी एडमिशन में देरी होना संभव है। हालांकि गृह मंत्रालय ने कहा है कि जल्द ही फिर से यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जल्द ही इसकी जानकारी साझा की जाएगी।
इस प्रकार, यूजीसी नेट परीक्षा के रद्द होने के बाद छात्रों और उनके परिवारों में चिंता का माहौल है, लेकिन मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि स्थिति को जल्दी ही संभाला जाएगा और परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी।