बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री पारस ने कहा कि भारत का प्रयास रचनात्मक बातचीत को सुविधाजनक बनाना, ज्ञान साझा करना और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण व समृद्ध विश्व के लिए सामूहिक आकांक्षा की दिशा में एक साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जी-20 की भारतीय अध्यक्षता में अब तक की प्रगति को आगे बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि आज अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तीव्र चुनौतियों का सामना करने व असुरक्षित समूहों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित रहें। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पिछले वर्ष विश्व आर्थिक मंच, दावोस शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में इस बात पर विचार किया कि क्या बहुपक्षीय संगठन नई विश्व व्यवस्था और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
बैठक में आईएफए को-चेयर श्री विलियम रूस (फ्रांस), ब्युंगसिक जंग (दक्षिण कोरिया), केंद्रीय वित्त मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती मनीषा सिन्हा, आरबीआई सलाहकार श्रीमती महुआ राय भी उपस्थित थीं।