उत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिंझिना क्षेत्र में 21-22 जनवरी की रात हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ (एसटीएफ) के निरीक्षक सुनील कुमार की बुधवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मौत हो गई। उन्हें इलाज के लिए पहले करनाल और फिर गुरुग्राम लाया गया था, जहां ऑपरेशन के दौरान उनकी जान चली गई।
पद का इतिहास और साहसिक कार्य
कुल 54 वर्ष की आयु में शहीद हुए सुनील कुमार ने 1990 में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) में कांस्टेबल के तौर पर सेवा शुरू की थी। वे 2009 से एसटीएफ के साथ काम कर रहे थे और अपनी बहादुरी के लिए कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके थे। उनकी शहादत पर उनके पैतृक गांव मेरठ के मसूरी में बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की मदद की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनील कुमार के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। साथ ही उनके गृह जनपद मेरठ में एक सड़क का नामकरण शहीद निरीक्षक के नाम पर किया जाएगा। यूपी पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “कर्तव्यपथ के अमर योद्धा को नमन।”
मुठभेड़ में मारे गए अपराधी
इस मुठभेड़ के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने एक लाख रुपये का इनामी अपराधी अरशद और उसके तीन अन्य साथियों को मार गिराया। एसटीएफ के अनुसार, अरशद पर 21 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, और वह कई गैंगवार का हिस्सा था।
पुलिस ने बरामद कीं भारी मात्रा में हथियार
मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों से पुलिस ने .30 बोर की कार्बाइन, पिस्तौल, तमंचे और कारतूस बरामद किए हैं। एसटीएफ ने इन आरोपियों के खिलाफ कई आपराधिक मामलों का खुलासा किया है और उनके गिरोह की जड़ें नष्ट कर दी हैं।
यूपी पुलिस की ओर से श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार ने शहीद निरीक्षक सुनील कुमार की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की है और उनके परिवार को संबल देने की कामना की है।