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US के फेल मून मिशन ने बढ़ाई टेंशन

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करीब 50 साल बाद अमेरिका से कोई मून मिशन चांद पर रवाना हुआ था, लेकिन बीच रास्‍ते में आई खराबी ने मिशन को फेल कर दिया। अब पता चला है कि वह अमेरिकी मून लैंडर वापस धरती की ओर आ रहा है। अगर लैंडर किसी आबादी वाले इलाके में गिरता है, तो नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि धरती के वातावरण में प्रवेश करते ही लैंडर जल जाएगा। मिशन से जुड़ी कंपनी एस्‍ट्रोबॉटिक (Astrobotic) के हवाले से यह जानकारी आई है।

पिछले सप्‍ताह की शुरुआत में अमेरिका ने चांद पर उतरने के लिए एक ऐतिहासिक उड़ान भरी थी। यूनाइटेड लॉन्‍च अलायंस (ULA) नाम के एक प्राइवेट मैन्‍युफैक्‍चरर के वल्कन सेंटौर रॉकेट की मदद से नासा (Nasa) के पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर (Peregrine 1 lunar lander) को ऑर्बिट में पहुंचाया गया। 50 साल बाद ऐसा हो रहा था जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपना कोई मिशन चंद्रमा पर लैंड होने के लिए भेजा था।

मिशन के आयोजकों ने बताया था कि लॉन्‍च के कुछ घंटों बाद ही एस्ट्रोबोटिक ने एक खराबी की जानकारी देना शुरू कर दिया था। साथ ही लैंडर से लगातार ईंधन लीक हो रहा था, जिससे चांद तक लैंडर के पहुंचने की संभावना खत्‍म हो गई थी।

अब कंपनी ने एक पोस्‍ट में कहा है कि स्‍पेसक्राफ्ट वापस पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। पृथ्‍वी के वातावरण में प्रवेश करते ही उसके जलने की संभावना है। वैज्ञानिकों की टीम इस स्‍पेसक्राफ्ट पर नजर बनाए हुए है। फ‍िलहाल वह पृथ्‍वी से करीब 4 लाख किलोमीटर दूर है।

इस मिशन के लिए Nasa ने 100 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर के जरिए नासा चांद की सतह की संरचना और लैंडिंग वाली जगह के वातावरण में रे‍डिएशन की जानकारी जुटाना चाहती थी। यह पहली बार नहीं है, जब किसी प्राइवेट कंपनी ने चांद पर उतरने की कोशिश की और वह फेल हो गई। सबसे पहले अप्रैल 2019 में इस्राइल का बेयरशीट लैंडर चांद की सतह पर दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ था।

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