उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए दंगों के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की पत्नी सफीना मलिक को बुधवार को जमानत दे दी। सफीना की जमानत अर्जी न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की अदालत ने मंजूर की।
सफीना पर धोखाधड़ी से सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। जमानत मिलने के बावजूद सफीना को अधीनस्थ अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। हल्द्वानी के मुस्लिम बहुल बनभूलपुरा इलाके में स्थित अवैध मदरसे को अदालत के आदेश पर 8 फरवरी 2024 को ढहाए जाने के दौरान वहां दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
यह घटना बनभूलपुरा में बड़े पैमाने पर हिंसा और अस्थिरता का कारण बनी। पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें अब्दुल मलिक भी शामिल थे। कोर्ट ने सबूतों के आधार पर सफीना मलिक को जमानत देने का निर्णय लिया।
बनभूलपुरा दंगे हल्द्वानी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अवैध मदरसे को ढहाने के बाद भड़क उठे थे। अदालत के आदेश के तहत 8 फरवरी 2024 को इस मदरसे को गिराने का काम शुरू हुआ, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। इस घटना के बाद हुए दंगों में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
सफीना मलिक पर धोखाधड़ी से सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की अदालत ने सफीना की जमानत अर्जी को मंजूर किया और उन्हें जमानत दे दी। हालांकि, सफीना को अधीनस्थ अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
इस मामले में न्यायालय का फैसला बनभूलपुरा में स्थिति को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह घटना और इससे जुड़ी कानूनी प्रक्रियाएं उत्तराखंड में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगी।