वृहस्पति ग्रह को देवगुरु और ज्ञान का कारक भी कहा जाता है। कुंडली में वृहस्पति की कमजोर स्थिति शिक्षा, विवाह, करियर, संतान और वित्त से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकती है।
यदि आपकी कुंडली में भी वृहस्पति कमजोर है, तो आप निम्नलिखित मंत्रों का जप करके और कुछ सरल उपाय करके इसकी शक्ति को मजबूत कर सकते हैं।
मंत्र:
- ॐ गुरू देवाय नमः
- ॐ बृहस्पतये नमः
- ॐ गुरुभ्यो नमः
- ॐ वृहस्पति ग्रहाय नमः
उपाय:
- गुरुवार का व्रत रखें और पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- केले का वृक्ष लगाएं और उसकी नियमित रूप से देखभाल करें।
- गुरुवार को केसर का तिलक लगाएं।
- पीले रंग की मिठाई का दान करें।
- बृहस्पतिवार को पीले रंग के फूलों से भगवान विष्णु की पूजा करें।
- पीले रंग की वस्तुएं, जैसे हल्दी, चना दाल, पीला कपड़ा आदि का दान करें।
- नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करें।
- ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करें।
- पीले रंग का रत्न, जैसे पुखराज या पीला नीलम धारण करें।
- गुरुवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा-पाठ करें।
- बड़ों का सम्मान करें और गुरुजनों की सेवा करें।
- सत्य बोलें और अहिंसा का पालन करें।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मक सोच रखें।
इन उपायों को करने से वृहस्पति ग्रह मजबूत होगा और आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
ध्यान दें:
- उपरोक्त मंत्रों का जाप 108 बार या कम से कम 21 बार करना चाहिए।
- उपाय करते समय पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखना चाहिए।
- यदि आपको किसी विशेष समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आप ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।