ओ३म् अपामीवामप विश्वामनाहुतिमपारातिं दुर्विदत्रामघायतः।
आरे देवा द्वेषो अस्मद्युयोतनोरुणः शर्म यच्छता स्वस्तये
ऋग्वेद-१०.६३.१२
हे परमेश्वर। हमारे जीवन से रोग आदि दुःखों को हटाने की अनुकम्पा करें। सभी अयज्ञिय अर्थात् अनिष्टकारक भावना को हमारे मन से दूर हटायें। हे प्रभों। दान न करने की प्रवृत्ति और पाप कर्म की इच्छा को हमारे मन से दूर करें। हमारे हृदयों से शत्रु की दुष्ट बुद्धि का दमन करें एवं हमारे मन की द्वेष भावना को हमसे दूर करें। हमारे कल्याण के लिए अत्यधिक सुख प्रदान करें।
O God ! Please be kind to remove diseases and sorrows from our lives. Remove all the negative thoughts from our minds. O Lord ! Kindly remove the tendency of not donating and the desire to commit sins from our minds. Suppress the evil intentions in our hearts, remove the hatred and provide immense happiness for our welfare.