उदीराणा उतासीनास्तिष्ठन्त: प्रक्रामन्तः।
पद्भ्यां दक्षिणसव्याभ्यां मा व्यथिष्महि भूम्याम्॥२८॥
(अथर्व०१२/१/२८)
उठते, बैठते, खड़े हुए, दाये और बाये पैर से चलते-फिरते हुए अथवा किसी भी अवस्था में हम अपनी मातृ भूमि से दुःखी न हो तथा किसी के लिए दुःख का कारण भी न बने। हम किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण उसे अपमानित न होने दें।
While getting up, sitting, standing, walking or in any other situation, we should not be sad about our motherland and should not become a reason of sadness for anyone. Let us not allow our motherland to be humiliated due to lack of any kind of security system.