सनेम तेऽवसा नव्य इन्द्र प्र पूरव स्तवन्त एना यज्ञैः।
सप्त यत्पुरः शर्म शारदीर्दर्द्धन्दासीः पुरुकुत्साय शिक्षन्।।
ऋग्वेद ६-२०-१०
हे परमात्मन्! आपके रक्षण से हम धन्य हैं आपसे हमें नया उत्साह प्राप्त होता है। हम अपनी स्तुति में आपकी महिमा का गुणगान करते हैं। आप हमें उत्तम बुद्धि प्रदान करो और हमारे शरीर में स्थित समस्त आसुरी शक्तियों को नष्ट करके हमें पुरस्कृत करने की अनुकम्पा करें।
O God ! We are blessed by your protection and we get new enthusiasm from you. We praise your glory in our prayers. Please grant us the best intelligence and be kind enough to reward us by destroying all the demonic powers present in our body.