हे धृतराष्ट्र! दस प्रकार के लोग नैतिकता एवं धर्म-विषयक बातों को महत्त्वहीन समझते हैं।
O Dhritarashtra ! Ten types of people show indifference towards spirituality, ethical and righteous conduct ..
दश धर्मं न जानन्ति धृतराष्ट्र निबोध तान्
मत्तः प्रमत्त उन्मत्तः श्रान्तः क्रुद्धो बुभुक्षितः॥
त्वरमाणश्च भीरुश्च लुब्धः कामी च ते दश
तस्मादेतेषु भावेषु न प्रसज्जेत पण्डित:॥
(महा.)
ये लोग हैं:
- नशे में धुत्त व्यक्ति,
- लापरवाह,
- पागल,
- थका-हारा व्यक्ति यानि आलसी,
- क्रोधी,
- भूख से पीड़ित,
- जल्दबाज,
- लालची, (धन, सेक्स एवं सत्ता का लालच)
- डरा हुआ एवं भयभीत व्यक्ति तथा
- काम से पीड़ित व्यक्ति।
विवेकशील व्यक्तियों को ऐसे लोगों की संगति से दूर रहना चाहिए। इन लक्षणों वाले व्यक्तियों की संगति विनाश की ओर ले जाती है।
These people are:
1. Drunkard.
2. Careless.
3. Lunatics.
4. Indolents.
5. Cantankerous.
6. Ravenous.
7. Hasty.
8. Greedy ( ie. Greed of money, sex and power)
9. Consternated person.
10. A person suffering from sexual conduct .
Prudent people should stay away from the company of such people. The association with people of these traits leads to destruction.