रम्भी चिदत्र विविदे हिरण्यम्।
(ऋ.२.१५.९)
कर्मों को आरम्भ करनेवाला ही इस संसार में ऐश्वर्य पाता है।
Only the one who initiates the work attains prosperity in this world.
रम्भी चिदत्र विविदे हिरण्यम्।
(ऋ.२.१५.९)
कर्मों को आरम्भ करनेवाला ही इस संसार में ऐश्वर्य पाता है।
Only the one who initiates the work attains prosperity in this world.