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Vinayaka Chaturthi 2023: आज पूजा के समय करें इस स्तोत्र का पाठ और मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगी निजात

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नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : आज शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हम विनायक चतुर्थी मना रहे हैं। यह पर्व महीने-महीने में एक बार आता है और इसमें भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। भगवान गणेश को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जिनमें से एक है “विघ्नहर्ता”। इसलिए उनकी पूजा से दरिद्रता, विघ्न, और संकटों का नाश होता है, और जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, और खुशहाली बनी रहती है। इस खास मौके पर, साधक विधिवत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। आप भी भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो विनायक चतुर्थी पर इन चमत्कारी मंत्रों और स्तोत्रों का जाप और पाठ करें।

 

गणेश स्तोत्र

प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम् ।
उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड – माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम् ।।
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमान – मिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् ।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय ।।

प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुण्जरास्यम् ।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाह-मुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य ।।


श्लोकत्रयमिदं पुण्यं सदा साम्राज्यदायकम् ।।
प्रातरुत्थाय सततं य: पठेत्प्रयत: पुमान् ।।
श्रीगणेश स्तुति

वन्दे गजेन्द्रवदनं वामाङ्कारूढवल्लभाश्लिष्टम् ।
कुङ्कुमरागशोणं कुवलयिनीजारकोरकापीडम् ॥
विघ्नान्धकारमित्रं शङ्करपुत्रं सरोजदलनेत्रम् ।
सिन्दूरारुणगात्रं सिन्धुरवक्त्रं नमाम्यहोरात्रम् ॥
गलद्दानगण्डं मिलद्भृङ्गषण्डं,
चलच्चारुशुण्डं जगत्त्राणशौण्डम् ।
लसद्दन्तकाण्डं विपद्भङ्गचण्डं,
शिवप्रेमपिण्डं भजे वक्रतुण्डम् ॥

गणेश्वरमुपास्महे गजमुखं कृपासागरं,
सुरासुरनमस्कृतं सुरवरं कुमाराग्रजम् ।
सुपाशसृणिमोदकस्फुटितदन्तहस्तोज्ज्वलं,
शिवोद्भवमभीष्टदं श्रितततेस्सुसिद्धिप्रदम् ॥

विघ्नध्वान्तनिवारणैकतरणिर्विघ्नाटवीहव्यवाट्,
विघ्नव्यालकुलप्रमत्तगरुडो विघ्नेभपञ्चाननः ।
विघ्नोत्तुङ्गगिरिप्रभेदनपविर्विघ्नाब्धिकुंभोद्भवः,

विघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनो विघ्नेश्वरः पातु नः ॥

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