राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक से जुड़ी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसके बाद विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस समेत कई दलों ने आरोप लगाया कि असहमति के नोट हटाए गए हैं, जिससे उनकी बात को दबाया जा रहा है।
सरकार का बचाव, विपक्ष का वॉकआउट
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि रिपोर्ट में कोई विलोपन या निष्कासन नहीं हुआ है और पूरा दस्तावेज़ सदन के समक्ष रखा गया है। उन्होंने विपक्ष पर “गुमराह करने” का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी असहमति नोट रिपोर्ट के परिशिष्ट में संलग्न हैं। इसके बावजूद, असंतुष्ट विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
खड़गे का आरोप – लोकतंत्र विरोधी कदम
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेपीसी रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि असहमति के नोट हटाना लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने इसे “फर्जी रिपोर्ट” बताते हुए इसे वापस भेजने की मांग की।
सदन में जोरदार नारेबाजी
जैसे ही बीजेपी सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी ने रिपोर्ट पेश की, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे, जिसके बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन विपक्षी हंगामा जारी रहा।