नेपाल में भारी वर्षा के कारण कोसी बैराज वीरपुर से रविवार सुबह 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। जल संसाधन विभाग ने एक चेतावनी जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। यह पानी का प्रवाह 1968 के बाद का सबसे अधिक है, जिससे स्थिति और खराब होने की आशंका है।
कोसी बैराज से छोड़ा गया पानी बिहार के 13 जिलों के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकता है। इन जिलों में पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, और अब 16.28 लाख से अधिक लोग इस जल संकट से प्रभावित हो सकते हैं। सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं, लेकिन बढ़ते खतरे ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी स्थिति का संज्ञान लिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने NDRF के साथ एक समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया है। NDRF की टीमें पहले से ही प्रभावित इलाकों में सक्रिय हैं और लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने का काम जारी है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने भी बिहार के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेष रूप से पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में अचानक बाढ़ की संभावना व्यक्त की गई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
बिहार सरकार बाढ़ से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।