गुरुवार शाम को पश्चिम बंगाल सरकार ने डिब्रूगढ़ चेक पोस्ट को सील कर दिया, जिससे झारखंड से एनएच-19 पर भारी ट्रैफिक जाम हो गया। यह बंद तीन दिनों तक जारी रहेगा, जिससे बराकर ब्रिज से मैथन तक भारी वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने का आदेश दिया है, जिसका उद्देश्य बाढ़ की स्थिति से निपटना है।
ममता बनर्जी ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) अपने बांध से पानी छोड़कर राज्य में बाढ़ की स्थिति पैदा कर रहा है। उनका कहना है कि डीवीसी झारखंड को बचाने के लिए जानबूझकर पश्चिम बंगाल में पानी छोड़े हुए है, जिससे बाढ़ की समस्या बढ़ गई है।
भाजपा के नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी और झारखंड सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि बंगाल में बाढ़ की स्थिति ममता बनर्जी की प्रशासनिक विफलता है। उन्होंने कहा, “ममता दीदी अपना गुस्सा झारखंड के लोगों पर निकाल रही हैं, और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर चुप हैं।”
हिमंता ने इसे झारखंड की जनता के सम्मान का मुद्दा बताते हुए कहा कि झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) केवल राजनीति कर रहा है और राज्य की गरिमा की रक्षा नहीं कर पा रहा है। उन्होंने झारखंड के लोगों से अपील की कि वे इस बात पर विचार करें कि क्या उन्हें फिर से ऐसी पार्टी को मौका देना चाहिए जो उनके सम्मान की रक्षा करने में असमर्थ है।
झारखंड सरकार के अधिकारियों ने इस मामले पर चुप्पी साधी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
यह घटना न केवल पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच तनाव को उजागर करती है, बल्कि इसने राजनीतिक दलों के बीच एक नई बहस को भी जन्म दिया है।