यह एक हर्बल मशरूम है कच्ची अवस्था में, इसका स्वाद भी काफी कड़वा होता है। लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण यह मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभ कारी माना जाता है कि इसका सेवन मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और कैंसर जैसे रोगों से लड़ने में लाभकारी है । इसे क्षय रोग, मानसिक तनाव, जुकाम आदि बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। जापान में इसका उपयोग शकितवर्धक पेय पदार्थ के रूप में किया जाता है।
सान्यतः इसे सूखे चूर्ण व अर्क के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा मशरूम को पकौड़ा, सब्जी, सूप, पीज्ज़ा, बिस्किट, पापड़, सलाद, अचार, चटनी के रूप में भी खाया जासकता है।
मशरूम के कई नाम –
औषधीय महत्व से भरपूर मशरूम को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे – ऋषि मशरूम, बटन मशरूम, शिटाके मशरूम, ढिंगरी मशरूम , धान के पुआल का मशरूम, कठकर्ण मशरूम, मैटाके मशरूम (ग्राइफोला फ्रन्डोसा), कीड़ा घास या यार्सा गम्बू , रजतकर्ण मशरूम (ट्रिमेला फ्यूषिफार्मिस)।
सबसे महंगी मशरूम –
यूरोपियन व्हाइट ट्रफल को सबसे महंगी मशरूम माना जाता है। एक फंगस होने की वजह से इसे भी मशरूम ही माना जाता है और यह दुनिया में बहुत दर्लभ है।
ऋषि मशरूम सेवन के लाभ –
@ थकान और अवसाद से लड़ सकते हैं,
@ लीवर को डिटॉक्सीफाई और मजबूत करता है
@ हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव
@ रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।
@ एंटीऑक्सीडेंट की स्थिति में लाभकारी।
@ मशरूम मानव त्वचा की झुर्रियाँ ठीक करने में लाभ दायक।
@ बालों के झड़ना कम व धीमा करता है।
सावधानियां –
मशरूम के सेवन से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवा रही महिलाओं को बचना चाहिए। इसके अलावा जो लोग रक्त विकार के रोगी या सर्जरी करवा रहे हो वो और जो लोग किसी असाध्य रोग से ग्रस्त हों उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
चीन में मशरूम का उपयोग विलासी एवं बहुमूल्य व्यंजन के रूप में होता है।
हमारे देश में मशरूम की अत्याधिक जैव विविधिता पायी जाती है लेकिन अज्ञानता के कारण हम अभीतक इसके औषधीय लाभ से वंचित हैं रहे हैं, लेकिन अब भारत में भी इसके उत्पादन व उत्पादों पर जोर से काम हो रहा है।