गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। आरोप है कि 20 वर्षों में 2 बिलियन डॉलर का लाभ अर्जित करने के लिए उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। यह मामला भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना से संबंधित है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि वह गौतम अडानी के खिलाफ आरोपों से अवगत है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन-पियरे ने मीडिया से बातचीत में कहा,”हम इन आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं और यह मामला न्याय विभाग (DOJ) और प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) के अधीन है।”
व्हाइट हाउस ने भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता एक मजबूत नींव पर आधारित है।
कैरिन जीन-पियरे ने कहा: भारत और अमेरिका के संबंध लोगों और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग के आधार पर मजबूत हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हम इस संकट को हल कर लेंगे।”
अडानी समूह: आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज किया है।
भारत सरकार: अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
गौतम अडानी पर लगे इन गंभीर आरोपों के बीच व्हाइट हाउस ने भारत-अमेरिका के संबंधों पर भरोसा जताया है। यह मामला न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेरिका और भारत के बीच सहयोग इस चुनौती का समाधान निकालने में मददगार साबित हो सकता है।