राज्य विधान सभा में पेश की गई एफआरआरओ की रिपोर्ट के अनुसार, गोवा में पिछले दशक में लगभग 26,000 लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर दिए हैं। इस समय कांग्रेस के नेता यूरी अलेमाओ ने इस बारे में प्रश्न उठाया था, जिसका उत्तर देते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि 2014 से 2024 के बीच गोवा में कुल 25,939 लोगों ने अपने पासपोर्ट सरेंडर कर दिए हैं।
एफआरआरओ गोवा के आंकड़ों के अनुसार, इन लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के बाद नए वीज़ा या निकास परमिट के लिए आवेदन किया था। इसमें 2014 में 2037 लोगों ने इस कदम को अपनाया था, जो 2016 में 4121 तक बढ़ गया और फिर 2019 में 2958 हो गया। 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंधित होने से 2023 में 2094 तक बढ़ने से पहले यह संख्या 954 हो गई थी।
गोवावासियों के द्वारा भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के बाद वे पुर्तगाली राष्ट्रीयता प्राप्त कर रहे हैं, जो उन्हें यूरोपीय संघ और अन्य कई देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश देने में मदद करती है। यह प्रक्रिया उन्हें लिस्बन जाकर अपने जन्म को पुनः पंजीकृत करने और उनकी शिक्षा और रोजगार के लिए विकल्प प्राप्त करने में मदद करती है।