नई दिल्ली – नागरिक सुरक्षा समिति की मीटिंग में हमें बताया गया था कि हम जल्द ही ऐसा कैमरा सिस्टम लाने वाले हैं जिसमें फेस रेकग्निशन सिस्टम इंस्टॉल होगा। यदि कोई लिस्टेड अपराधी कैमरे के सामने आएगा, तो सभी क्षेत्र पुलिस ऑफिसर और बीट ऑफिसर को सिस्टम ब्लिंक करेगा और अपराधी पकड़ा जाएगा, जिससे लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रहेगा और क्षेत्र अपराध मुक्त होगा।
बरसात में सदर बाजार में 9 फीट तक दुकानों में पानी भर जाता है, जिसका कारण रेलवे लाइन के नीचे बैरल का जाम होना है। यह स्थिति सभी के लिए, विशेषकर रेलवे पैसेंजर्स के लिए दुर्घटना का खुला अंदेशा बनी रहती है। जल बोर्ड के चेयरमैन ने हमें बताया कि हमने 6 करोड़ का बजट फंड रेलवे को दिया है ताकि पानी न भरे। परंतु, अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार सदर बाजार नो हॉकिंग और स्क्वाटिंग जोन है और एमसीडी ने हलफनामा दाखिल किया है। एसएचओ और एसीपी पर कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट हुआ है। इसके बावजूद, 6 लेयर की पटरी लगती है। जब डेट आती है, तो 2-3 दिन सुधार होता है, फोटो लगती है और मामला रफा-दफा होता है। इसके बाद पटरी फिर चरम सीमा तक लगाई जाती है। एमसीडी और दिल्ली पुलिस के भ्रष्टाचारी अधिकारी इसमें पूर्ण रूप से शामिल होते हैं।
महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और पिक पॉकेटिंग जैसी रोजमर्रा की शर्मनाक घटनाएं सदर बाजार की रवायत बन गई हैं। पानी माफिया ने सभी प्याऊओं को खंडहर बना दिया है, और कई लोगों ने कब्जा कर रखा है ताकि वे ₹50 की टंकी सदर बाजार में बेच सकें। इसमें भी पूरी तरह से भ्रष्ट एमसीडी के अधिकारियों का हाथ है। अगर कोई संस्था इसको अपने नेतृत्व में लेना चाहती है, तो भी अधिकारियों को बहुत परेशानी होती है और वे खूब चक्कर लगवाते रहते हैं। एमसीडी और दिल्ली सरकार के पुलिस विभाग में समन्वय नहीं है। बजट दिल्ली सरकार ने भी दिया है और दिल्ली पुलिस विभाग का पास हुआ है, परंतु अभी कार्य नहीं हुआ है।
इन सभी समस्याओं को ध्यान मे रखते हुये जल्द से जल्द इसका निदान करवाएँ जिससे सादर बाज़ार के व्यापारी भयमुक्त , और अपने मौलिक अधिकार के साथ व्यापार कर राष्ट्र की उन्नति मे भागीदार बन सकें