नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) :प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए यह कितना आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत आज गर्व से कह सकता है कि नागर विमानन क्षेत्र में उसके पास सबसे अधिक महिला पायलट हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान मिशन का नेतृत्व भी महिला वैज्ञानिक कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के मुद्दे को जी-20 में लेकर गए हैं और जी-20 देशों ने इसे स्वीकार किया है और वे इसके महत्व को पहचान रहे हैं।
‘नारी सम्मान’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने अपनी एक विदेश यात्रा का अनुभव साझा किया, जहां उस देश के एक वरिष्ठ मंत्री ने उनसे जानना चाहा था कि क्या भारत में महिलाएं विज्ञान और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जवाब दिया कि आज हमारे देश में लड़कियां एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) की पढ़ाई में लड़कों से आगे हैं और दुनिया की निगाहें आज हमारी इस क्षमता की ओर टिकी हैं।