सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को NEET-UG 2024 के संबंध में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि परीक्षा के आयोजन में तर्कसंगतता को मजबूती से ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह टिप्पणी NEET-UG परीक्षा की पवित्रता और अनियमितताओं से संबंधित विवादों के दौरान की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि दोबारा परीक्षा के निर्णय को सुनिश्चित करने के लिए केवल पूरी परीक्षा के प्रभाव का विचार करना आवश्यक है। उन्होंने इसे एनईईटी-यूजी विवाद के साथ जोड़ते हुए कहा कि सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इस मामले की सुनवाई को प्राथमिकता दी गई है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील ने रिटर्न के साथ गूगल बनाम भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के मामले पर भी विचार किया। उन्होंने सीसीआई के पेपर लीक विवाद के सामाजिक प्रभाव को रेखांकित किया और विवाद को और भी गहरा किया।
यह सुनवाई NEET-UG 2024 के संबंध में अनुमानित नतीजों के इंतजार में लाखों छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि प्राथमिकताओं के अनुसार अन्य मामलों को स्थगित कर दिया गया है।