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यकीन मानिये पंजाबी भाषा से कुछ भी हो सकता है!
टीचर पप्पू से: ‘दिवाली’ के बारे कुछ बताओ?
पप्पू: ये है ‘दिवाली’ का इतिहास, इक वार इक मुण्डा सी। उसदा नाम हैप्पी सी। ओ अपने कन्ना विच वालियाँ पांन्दा सी। इक दिन उस दी वाली गुम गई। उसने बहुत लब्बी पर नही मिली पर थोड़ी देर बाद किसी होर मुंडे नू उस दी वाली मिल गई। लोक्का ने उस तो पूछया कि एह की है? ताँ उसने कहा कि एह ‘हैप्पी दी वाली’ है।
बस उस दिन तो सारे ‘हैप्पी दिवाली’ मनाने लग गये।
मैडम बच्चे से :- तेरी कॉपी और पेन कहाँ है..??
बच्चा :- मेम जबसे आपको देखा, क्या कॉपी और क्या पेन,
तेरे मस्त-मस्त दो नैन, मेरे दिल का ले गये चैन, खो गई कॉपी, गुम गया पेन!