तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी के विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं। आपूर्तिकर्ताओं को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान करना आवश्यक है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला, तो मुख्यमंत्री ने घी और लड्डू की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता में कोई भी विचलन ‘अपवित्रम’ का कारण हो सकता है। इसीलिए, उन्होंने घी में मिलावट की जांच करने के लिए एक आंतरिक प्रयोगशाला स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की।
जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी ने इस विवाद पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया है। वाईएसआर कांग्रेस ने कोर्ट से एन चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी के आरोपों की जांच के लिए एक ज्यूडिशियल कमेटी गठित करने की मांग की है।
प्रसाद में पशु की चर्बी का मामला सामने आने के बाद सियासत गर्मा गई है। टीटीडी ने सभी आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी है कि यदि आपूर्ति किया गया घी लैब टेस्ट में पास नहीं होता, तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। यह मुद्दा अब राजनीतिक विवाद का विषय बन चुका है।