एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बाबा सिद्दीकी ही नहीं, उनके बेटे जीशान भी निशाने पर थे। शूटर्स को निर्देश दिए गए थे कि जो भी मिले, उसे मार डालो। पूछताछ में आरोपियों ने अपने प्लान का खुलासा किया है। उनके मुताबिक, वे पहले बाबा सिद्दीकी और फिर उनके बेटे जीशान की आंखों में काली मिर्च का स्प्रे करने की योजना बना रहे थे, ताकि उन्हें दिखना बंद हो जाए। लेकिन आरोपी शिव कुमार गौतम ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिससे अन्य आरोपियों को भी तुरंत फायर करना पड़ा। इस हमले में बाबा सिद्दीकी के साथ एक और व्यक्ति घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए भाभा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सूत्रों के अनुसार, जीशान सिद्दीकी खाना खाने के लिए पहले ही निकल चुके थे, वरना उनकी भी हत्या हो सकती थी। जीशान बांद्रा से कांग्रेस विधायक हैं और उनके क्षेत्र में SRA री-डेवलपमेंट को लेकर विवाद चल रहा था। इस परियोजना के तहत झुग्गियों को हटाने के विरोध में जीशान ने अनशन भी किया था। री-डेवलपमेंट के खिलाफ विरोध के चलते बाबा सिद्दीकी को धमकियां भी मिली थीं।
दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने खुद कभी किसी की हत्या नहीं की, लेकिन फिर भी वह सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में से एक बन चुका है। वह गुजरात की जेल से अपना गिरोह चला रहा है, जो भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम की तरह काम करता है। राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) के मुताबिक, बिश्नोई के गिरोह में अब 700 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें शार्पशूटर भी शामिल हैं। उसे गोल्डी बराड़, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई, विक्रमजीत सिंह, काला जठेड़ी और काला राणा जैसे कुख्यात गैंगस्टरों की मदद भी मिलती है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का जिले का निवासी है, जिसने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया है। उसका छोटा भाई अनमोल बिश्नोई अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरोह की गतिविधियों को संचालित करता है।