जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि परिषद ने कर मांग नोटिस के फंड पर ब्याज माफ करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, कर अधिकारियों के अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए एक करोड़ रुपये और उच्चतम न्यायालय के लिए दो करोड़ रुपये की सीमा की सिफारिश की गई है। परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर की सिफारिश की है।
भारतीय रेलवे द्वारा दी जाने वाली प्लेटफार्म टिकट जैसी सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिसों के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जिसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत विवरण शामिल नहीं हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए नोटिसों पर यह छूट लागू होगी।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए 30-11-2021 तक दायर किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ाने की सिफारिश की गई है। परिषद ने जीएसटीआर 4 फॉर्म में विवरण और रिटर्न भरने की समय सीमा को 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून करने की सिफारिश की है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के बाद के रिटर्न पर लागू होगा।
अखिल भारतीय आधार पर बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण शुरू होने जा रहा है। इससे फर्जी चालान के माध्यम से किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी। परिषद ने सभी कार्टन बक्सों और नालीदार तथा गैर-नालीदार कागज या पेपर बोर्ड दोनों के मामलों पर 12% की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है। इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष लाभ मिलेगा। फायर वॉटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12% जीएसटी लगेगा।
परिषद ने सभी सोलर कुकर पर 12% जीएसटी निर्धारित करने की सिफारिश की है, चाहे उसमें एकल या दोहरा ऊर्जा स्रोत हो। भारतीय रेलवे द्वारा आम आदमी को दी जाने वाली सेवाएं, जैसे प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम, क्लास रूम सेवाएं और बैटरी चालित कार सेवाओं को जीएसटी से छूट दी जा रही है। इसके अलावा, इंट्रा-रेलवे आपूर्ति को भी छूट दी जा रही है।
जो छात्रावास शैक्षणिक संस्थानों के बाहर के छात्रों के लिए हैं, उन्हें भी जीएसटी से छूट दी जा रही है। परिषद ने प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक की आपूर्ति मूल्य वाली आवास सेवाओं को छूट देने की सिफारिश की है। ये सेवाएं न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए आपूर्ति की जाती हैं।
इन निर्णयों के साथ, जीएसटी परिषद ने देश में कराधान प्रक्रिया को सरल और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।