उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में दिनदहाड़े एक आभूषण की दुकान में डकैती का वांछित अपराधी और मुख्य आरोपी मंगेश यादव गुरुवार तड़के राज्य विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया। मंगेश यादव पर 1 लाख रुपये का इनाम था और वह मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे सीएचसी भदैया में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मौके से 32 बोर की पिस्टल, कारतूस, 315 बोर की पिस्टल, बाइक और लूटे गए आभूषण बरामद किए। मंगेश यादव जौनपुर का निवासी था और उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
इस मुठभेड़ पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे “फर्जी मुठभेड़” करार देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोगों को बचाने के लिए मंगेश की जाति के आधार पर उसे निशाना बनाया गया। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सुल्तानपुर डकैती में शामिल लोगों का सत्ता पक्ष से गहरा संबंध था, इसलिए मंगेश यादव को मुठभेड़ के नाम पर मार दिया गया और अन्य आरोपियों के पैर में गोली मारी गई।
28 अगस्त को, सुल्तानपुर के मेजरगंज इलाके में पांच हथियारबंद अपराधियों ने एक आभूषण की दुकान से 1.5 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण लूट लिए। घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है, जिसमें पांच अपराधियों को दो बाइक पर आते देखा गया। घटना के बाद से पुलिस और एसटीएफ जांच में जुटी हुई है और इस मुठभेड़ में मंगेश यादव का शामिल होना बताया गया है। इससे पहले तीन अन्य अपराधियों को भी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।
अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नकली एनकाउंटर से अपराधी नहीं रुकते, बल्कि असली कानून-व्यवस्था से अपराध पर लगाम लग सकती है। उन्होंने भाजपा सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार केवल जनता के दबाव में ऐसे नकली एनकाउंटर करती है।
यह मुठभेड़ सुल्तानपुर डकैती कांड से जुड़ी थी, जिसमें मुख्य आरोपी मंगेश यादव को मारा गया। वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस मुठभेड़ को लेकर सवाल उठाए हैं, जिससे मामला राजनीतिक रूप से गरमाया हुआ है।